तेरे कंधे पर सिर रख कर रोना चाहता हूं ...! नींद नहीं आ रही मुझे कुछ अरसे से तेरी बांहों में लिपट कर सोना चाहता हूं.....!! ज़्यादा बड़ी ख्वाहिश नहीं मेरी बस , तेरे हाथो में अपना हाथ चाहता हूं ....! जो कभी ख़त्म ना हो , वो आखिरी मुलाकात चाहता हूं ....!! भीग तो मै रोज़ जाता हूं नहाते वक़्त ....! भीगु जो तेरे साथ सावन की, वो आखिरी बरसात चाहता हूं....!! वैसे तो जीना मरना है खुदा के हाथ में जनाब ....! ख़त्म जो हो तेरे साथ ज़िन्दगी की वो आखिरी सांस चाहता हूं....!! (...R@J) #कुछ अनकही अनसुनी सी बातें राज की