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ना जाने क्यों इतनी गहरी चोट वो दे गया की दम मेरे

ना जाने क्यों इतनी गहरी 
चोट वो दे गया
की दम मेरे सीने मे घुट कार 
ही रह गया

नहीं खबर है शहयाद उसे मेरी 
बेचैनी की 
तड़प तड़प कर बेचारा आहे 
भरता ही रह गया

©Nikhat khan
   Adhuri Hayat  R... Ojha  Lalit Saxena  rasmi  J P Lodhi.  sad love shayari