Nojoto: Largest Storytelling Platform

Unsplash समझते हैं कमज़ोर उसे, जिसने धरती को सम्भाल

Unsplash समझते हैं कमज़ोर उसे,
जिसने धरती को सम्भाला है..!

कोई और नहीं है औरत भी,
एक धधकती ज्वाला है..!

क़द्र करें न पुत्र एक भी,
उसने खुद के बल पर चारों को पाला है..!

औरत माता औरत बहन,
औरत का रूप निराला है..!

ईश्वर को पूजे सभी यहाँ,
पूजे देवी का दर्ज़ा आला है..!

कोमल ह्रदय कभी,
ममता स्वरुप..!

कभी रौद्र रूप में,
दुष्टों का नाश कर डाला है..!

औरत भी कुछ कम नहीं,
स्वर्णिम मोतियों की माला है..!

©SHIVA KANT(Shayar) #library #aurat
Unsplash समझते हैं कमज़ोर उसे,
जिसने धरती को सम्भाला है..!

कोई और नहीं है औरत भी,
एक धधकती ज्वाला है..!

क़द्र करें न पुत्र एक भी,
उसने खुद के बल पर चारों को पाला है..!

औरत माता औरत बहन,
औरत का रूप निराला है..!

ईश्वर को पूजे सभी यहाँ,
पूजे देवी का दर्ज़ा आला है..!

कोमल ह्रदय कभी,
ममता स्वरुप..!

कभी रौद्र रूप में,
दुष्टों का नाश कर डाला है..!

औरत भी कुछ कम नहीं,
स्वर्णिम मोतियों की माला है..!

©SHIVA KANT(Shayar) #library #aurat