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वो  बोले   ये  इश्क  नहीं  आसां , इतना  तो  समझ  ल

वो  बोले  
ये  इश्क  नहीं  आसां , इतना  तो  समझ  लीजिये 
एक  आग  का  दरिया  है , और  डूब  के  जाना  है 
मैंने  कहा 
 मासूम  सी  मोहब्बत  का  बस  इतना  सा   फ़साना  है 
कागज  की  हवेली  है , बारिश  का  ज़माना  है 
क्या  शर्त -ए -मोहब्बत  है , क्या  शर्त -ए -ज़माना  है  
आवाज़  भी  जख्मी  है  और  वो  गीत  भी  गाना  है 
उस  पार  उतरने  की  उम्मीद  बहुत  कम  है 
कश्ती  भी  पुरानी  है , तूफ़ान  भी  आना  है 
समझे  या  न  समझे  वो  अंदाज़ -ए -मोहब्बत  का 
भीगी  हुई  आँखों  से  एक  शेर  सुनाना  है
भोली  सी  अदा , कोई  फिर  इश्क  की  जिद  पर  है 
फिर  आग  का  दरिया  है  और  डूब  ही  जाना  है  #love #dard #shayri
वो  बोले  
ये  इश्क  नहीं  आसां , इतना  तो  समझ  लीजिये 
एक  आग  का  दरिया  है , और  डूब  के  जाना  है 
मैंने  कहा 
 मासूम  सी  मोहब्बत  का  बस  इतना  सा   फ़साना  है 
कागज  की  हवेली  है , बारिश  का  ज़माना  है 
क्या  शर्त -ए -मोहब्बत  है , क्या  शर्त -ए -ज़माना  है  
आवाज़  भी  जख्मी  है  और  वो  गीत  भी  गाना  है 
उस  पार  उतरने  की  उम्मीद  बहुत  कम  है 
कश्ती  भी  पुरानी  है , तूफ़ान  भी  आना  है 
समझे  या  न  समझे  वो  अंदाज़ -ए -मोहब्बत  का 
भीगी  हुई  आँखों  से  एक  शेर  सुनाना  है
भोली  सी  अदा , कोई  फिर  इश्क  की  जिद  पर  है 
फिर  आग  का  दरिया  है  और  डूब  ही  जाना  है  #love #dard #shayri