समझते थे लोग बीता कल जिसे, वो आज बन गया डरता था जो खुद के साए से आज जांबाज बन गया सुना है वो मुर्शिद है अब, भटका था जो राह कभी था जो कभी शागिर्द मेरा, आज वो उस्ताद बन गया| उजाले भी एक जमाने मे जिससे पीछा छुडा़ते थे पता ही नहीं चला की कब वो आफ्ताब बन गया| उस्ताद...