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शायद सही तुम भी नहीं, शायद बेकसूर हम भी नहीं, फिर

शायद सही तुम भी नहीं, शायद बेकसूर हम भी नहीं,
फिर भी ये दूरियाँ , मगरूरियाँ बताओ भला किस काम की I #स्वरचित #शून्य #शायद #तुम #सही #बेकसूर #दूरियाँ #मगरूर 


✍🏼कुछ अनकहा सा...
शायद सही तुम भी नहीं, शायद बेकसूर हम भी नहीं,
फिर भी ये दूरियाँ , मगरूरियाँ बताओ भला किस काम की I #स्वरचित #शून्य #शायद #तुम #सही #बेकसूर #दूरियाँ #मगरूर 


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