इस जन्माष्टमी पर, राधिका ने कहाँ मेरे कान्हाँ सुनो, मैं बनु कृष्ण और राधिका तुम बनो... प्रेम जो पहले होता था सच्चा बहुत, बस उसी प्रेम का सलिका तुम बनो...