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#OpenPoetry जन्म: शिशु और सृजन जन्म ऐसे नही होता,ब

#OpenPoetry जन्म: शिशु और सृजन
जन्म ऐसे नही होता,बहुत दर्द झेलना पड़ता है
जन्म किसी बच्चे का हो,या किसी रचना का हो
मरना और जीना दोनो साथ में करना पड़ता है
जन्म ऐसे नहीं होता,बहुत दर्द झेलना पड़ता है

एक बच्चे के जन्म में तो,नौ मीहीनें ही बस 
इंतजा़र करना पड़ता है
एक रचना के जन्म में तो सालोॆ का दर्द समेटना पड़ता  है
जन्म ऐसे नहीं होता बहुत दर्द झेलना पड़ता है

आँसु ,तड़प ,बेचैनी से,एक देह बनाना पड़ता है
भावनाओं की गीली माटी को, आकार देना पड़ता है
रुह का एक टुकड़ा भी फिर ,उसमें भी जड़ना पड़ता है
जन्म ऐसे नही होता बहुत दर्द झेलना पड़ता है

कुछ टुटे ख्वाबों का, कुछ बिखड़े अरमानों का 
आशिया बनाना पड़ता है
जन्म ऐसे नहीं होता ,बहुत दर्द झेलना पड़ता है #OpenPoetry
#OpenPoetry जन्म: शिशु और सृजन
जन्म ऐसे नही होता,बहुत दर्द झेलना पड़ता है
जन्म किसी बच्चे का हो,या किसी रचना का हो
मरना और जीना दोनो साथ में करना पड़ता है
जन्म ऐसे नहीं होता,बहुत दर्द झेलना पड़ता है

एक बच्चे के जन्म में तो,नौ मीहीनें ही बस 
इंतजा़र करना पड़ता है
एक रचना के जन्म में तो सालोॆ का दर्द समेटना पड़ता  है
जन्म ऐसे नहीं होता बहुत दर्द झेलना पड़ता है

आँसु ,तड़प ,बेचैनी से,एक देह बनाना पड़ता है
भावनाओं की गीली माटी को, आकार देना पड़ता है
रुह का एक टुकड़ा भी फिर ,उसमें भी जड़ना पड़ता है
जन्म ऐसे नही होता बहुत दर्द झेलना पड़ता है

कुछ टुटे ख्वाबों का, कुछ बिखड़े अरमानों का 
आशिया बनाना पड़ता है
जन्म ऐसे नहीं होता ,बहुत दर्द झेलना पड़ता है #OpenPoetry