पिछले बजट में केंद्र सरकार ने देश में शोर नहीं सैनिक स्कूल खोलने की घोषणा की थी इसके लिए पीपीपी यानी निजी सरकारी भागीदारी मंडल के तहत सरकार ने इस 22 जनवरी तक राज्य सरकार ट्रस्ट और एनजीओ से आवेदन आमंत्रित किए देशभर में मात्र ढाई सौ आवेदन इस प्रक्रिया के तहत प्राप्त हुए ध्यान देने वाला पक्षी तेरा प्रांत और केंद्र शासित प्रदेश में इस में कोई रुचि प्रदर्शित नहीं की सवाल यह है कि नए सैनिक स्कूल खोलने की योजना प्रदेश में इतनी कमजोरी दर्ज की गई केंद्र सरकार खुद अपने देश के हर जिले में सैनिक स्कूल क्यों नहीं खोज सकती थी भले ही यह कोर्स चरणबद्ध तरीके से हेल्प कुछ किया जाएगा एसपी मोड का विकला भी बेहतर है लेकिन उतना व्यवहारिक नहीं है हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि भारत की आंतरिक एक भारी सुरक्षा के लिए खतरा उन राष्ट्रीय की तुलना में अधिक है देश की संपत्ति की सुरक्षा के लिए सरकारी स्कूल को सार्वजनिक करने का अपील करनी पड़ती है जिस तरह से राष्ट्रीय दशकों से आतंकवादी के दंश को भगा रहे हैं हमारी जगह नागरिक की की सील श्वेता के बिना संभव नहीं है अब संविधान सभा के सदस्य ©Ek villain #सैनी शिक्षा पर ध्यान देने का समय #Nofear