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चल उस पकड़ांडी पर जहां शाम खिलता है, उस मोहब्बत की

चल उस पकड़ांडी पर जहां शाम खिलता है,
उस मोहब्बत की बेखुमार शहर चल
जहां साजन तेरी राह देखता है।
- रूपम राजभर #वूमेन डे
चल उस पकड़ांडी पर जहां शाम खिलता है,
उस मोहब्बत की बेखुमार शहर चल
जहां साजन तेरी राह देखता है।
- रूपम राजभर #वूमेन डे