शिक्षकों के सम्मान में बोल सकते हैं।-शांति का पढ़ाया पाठ, अज्ञान का मिटाया अंधकार, गुरू ने सिखाया हमें, नफरत पर विजय है प्यार। -माता-पिता की मूरत है गुरू, इस कलयुग में भगवान की सूरत है गुरू। -गुरू बिना ज्ञान कहाँ, उसके ज्ञान का न अंत यहाँ, गुरू ने दी शिक्षा जहाँ, उठी शिष्टाचार की मूरत वहां। -गुरु तेरे उपकार का, कैसे चुकाऊं मैं मोल, लाख कीमती धन भला, गुरु हैं मेरे अनमोल -जिसे देता है हर व्यक्ति सम्मान, जो करता है वीरों का निर्माण। जो बनाता है इंसान को इंसान, ऐसे गुरु को हम करते हैं प्रणाम। -बन्द हो जाएँ सब दरवाजे, नया रास्ता दिखाते हैं गुरु, सिर्फ किताबी ज्ञान नही, जीवन जीना सिखाते हैं गुरू. -गुरू बखान में छोटा तो अंबर पड़ जाएँ, ऐसे गुरू चरणों में श्रद्धा के सुमन अर्पित करते जाएँ। -गुरु ब्रह्मा, गुरु विष्णु गुरु देवो महेश्वर गुरु साक्षात् परमं ब्रह्मा तस्मै श्री गुरुवे नम: -गुरूजी आपकी दुआएं और सर पर हाथ चाहता हूँ, मैं ज्यादा कुछ नहीं आपका आशीर्वाद चाहता हूँ। -गुरु की उर्जा सूर्य-सी, अम्बर-सा विस्तार, गुरु की गरिमा से बड़ा, नहीं कहीं आकार। गुरु का सद्सान्निध्य ही,जग में हैं उपहार, Happy Teacher day