घमंड मे कभी मत रहा करो सबसे तुम बोल लिया करो कितने दिन की ये जिंदगी है, सबसे तुम प्रेम से मिला करो प्यास न बुझा सकते हो तो, आग मे घी भी न डाला करो वो ही मनुष्य होता अच्छा है जिसका हृदय होता सच्चा है पैसे से चाहे अमीर मत बनो, दिल के सच्चे अमीर रहा करो घमंड मे कभी मत रहा करो स्वयं की परछाई बना करो लोग है कुछ,दिखते कुछ है, तुम खुद की तस्वीर रहा करो किसी को कुछ बताना नही है, अपने आप से संतुष्ट रहा करो सबसे प्रमाण की जरूरत क्या है? तुम खुद से आंख मिलाया करो ये दुनिया दोनों तरफ घूमती है, तुम खुद की आवाज सुना करो घमंड में कभी मत रहा करो सौर में,दुनियादारी के जोर में स्व-रूह को मत रुलाया करो लोभ-लालच से विचलित हो, पाप गठरी सर मत लादा करो तुम इंसान हो,कोई शैतान नही, इंसान में इंसानियत जिंदा करो घमंड में कभी मत रहा करो क्या अमीर और क्या गरीब, सबकी मरने पे एक समीर, खुद के राख होने से पहले ही, तुम खुद को राख समझा करो दिल से विजय घमंड मत किया करो