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लम्हा इतनी मुद्दत बाद मिले हो! किन सोचों में ग़ुम

लम्हा इतनी मुद्दत बाद मिले हो!
किन सोचों में ग़ुम रहते हो?

इतने खाईफ़ क्यों रहते हो?
हर आहट से डर जाते हो

तेज़ हवा ने मुझ से पुछा
रेत पे क्या लिखते रहते हो?

काश कोई हमसे भी पूछे
रात गए तक क्यों जागे हो?

#मोहसिन_नक़वी #लम्हा
लम्हा इतनी मुद्दत बाद मिले हो!
किन सोचों में ग़ुम रहते हो?

इतने खाईफ़ क्यों रहते हो?
हर आहट से डर जाते हो

तेज़ हवा ने मुझ से पुछा
रेत पे क्या लिखते रहते हो?

काश कोई हमसे भी पूछे
रात गए तक क्यों जागे हो?

#मोहसिन_नक़वी #लम्हा