जैन दस लक्षण पर्व का दूसरा दिन मार्दव धर्म महान जो भगवान कहते है वो तुम करते नही और जो होता है वो तुम्हारे मन का नही फिर तुम भगवान के मन का क्यों नही करते? क्योंकि अंत में जब तुम समस्या में आते हो और भगवान के पास जाते हो तो होता वो है जो भगवान चाहते है।। फिर में का मान क्यों करते हो?? अर्थात स्वीकार करो में शून्य हूं करता कारक ईश्वर है भगवान है। ©Shivani Jain #jain