ज़माना हो गया देखो मगर मेरी चाहत नहीं बदली उसकी ज़िद नहीं बदली मेरी आदत नहीं बदली रूबरू होने की चाहत आज भी है मेरा उन से मैं बदला मगर मेरे दिल की आदत नहीं बदली दिल्लगी का मौसम यूँही आते जाते रहते है मैंने सब कुछ बदला मौसम की आदत नहीं बदली ख़्वाहिशों को दरकिनार कर दिया ये सोचकर अभी मैं बदला उसकी ख्वाहिश की आदत नहीं बदली कितना कुछ बदल रहा है वो मानने को तैयार नहीं मेरी फितरत बदली मगर उसकी आदत नहीं बदली ज़माना हो गया देखो मगर मेरी चाहत नहीं बदली उसकी ज़िद नहीं बदली मेरी आदत नहीं बदली रूबरू होने की चाहत आज भी है मेरा उन से मैं बदला मगर मेरे दिल की आदत नहीं बदली दिल्लगी का मौसम यूँही आते जाते रहते है मैंने सब कुछ बदला मौसम की आदत नहीं बदली