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फूंक के घर किसी का मलाल-ओ-शिकन तक नहीं पेशानी* पर,

फूंक के घर किसी का
मलाल-ओ-शिकन तक नहीं पेशानी* पर,

ख़ुद के हाथों पर ज़रा आंच क्या लगी,
फुगां-ओ-नाले** निकल पड़े।

~Hilal

*माथा
**रोना चिल्लाना #Phoonk Daale ghar kisi ke
फूंक के घर किसी का
मलाल-ओ-शिकन तक नहीं पेशानी* पर,

ख़ुद के हाथों पर ज़रा आंच क्या लगी,
फुगां-ओ-नाले** निकल पड़े।

~Hilal

*माथा
**रोना चिल्लाना #Phoonk Daale ghar kisi ke