अपनी ही परछाई का पीछा करोगे तो थक जाओगे, अगर आईने को उल्टा-सीधा करोगे तो थक जाओगे। पानी में शक्कर के जैसे घोल लो मोहब्बत ज़िंदगी में, अपनी अना से इसे फीका करोगे तो थक जाओगे। हर लम्हा रखो, ज़मीन से अपना रिश्ता कायम ' यूँ आये दिन, आसमान नीचा करोगे तो थक जाओगे। #prabhat