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सुबह की धूप सी उम्मीद हो ढलती शाम जैसी ख्वाइश उम्म

सुबह की धूप सी उम्मीद हो
ढलती शाम जैसी ख्वाइश
उम्मीदें बिखरे खिलती धूप जैसे
और ख्वाहिशें सिमटे शाम की तरह....

©Saroj Berwal
  #ummedein