ऐ सनम ये हवाएँ तुमसे मिलकर आती होंगी यूँ ही नहीं मुझपर ये इतने ज़ुल्म ढाती होंगी थर-थर काँपे मेरी साँसें तेरी यादों में क्यूँ शायद ये साँसों का कलेजा काट जाती होंगी ©Arun Nagar Writer थर थर काँपे मेरी साँसें...! follow कीजिए 👍👍🙏 #Shayari #शायरी #गजल #ghazal #rekhta #rekhtashayari #twolineshayari #SAD