पल्लव की डायरी जलते रहे हम चिंता की लकीर में बाती बनाकर मेहनत की सपनो के तेल में जले है महलो में मिलकती दीवाली हम तो हर दीवाली में गरीबी तले जले है प्रवीण जैन पल्लव ©Praveen Jain "पल्लव" गरीबी तले जले है #Dhanteras