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#OpenPoetry खुला आसमां हसीन वादियाँ झरनों की झर झर

#OpenPoetry खुला आसमां
हसीन वादियाँ
झरनों की झर झर
वो बहता हुआ पानी
जरा जरा महक उठा है
मुहब्बत की रवानी
न बुढापा
न जवानी
मेरे सपनों की कहानी
फूलो के दामन में
नहीं कांटो की मनमानी
वहाँ रात को होता अंधकार नही
वहाँ इज्जत किसी की लूटी नही
वहां दोस्ती का होता दिखावा नही
वहाँ रिश्तो का होता सौदा नही
ए इंसान तुझे मचलने की जरूरत नहीं
ये मेरा सपना है कोई हक़ीक़त नहीं #OpenPoetry #waha_ek_dunya
#OpenPoetry खुला आसमां
हसीन वादियाँ
झरनों की झर झर
वो बहता हुआ पानी
जरा जरा महक उठा है
मुहब्बत की रवानी
न बुढापा
न जवानी
मेरे सपनों की कहानी
फूलो के दामन में
नहीं कांटो की मनमानी
वहाँ रात को होता अंधकार नही
वहाँ इज्जत किसी की लूटी नही
वहां दोस्ती का होता दिखावा नही
वहाँ रिश्तो का होता सौदा नही
ए इंसान तुझे मचलने की जरूरत नहीं
ये मेरा सपना है कोई हक़ीक़त नहीं #OpenPoetry #waha_ek_dunya