(3)भजन करले यार काय सोवे रे।। 2 लड़कपन खेेल कर खोया रे। जवानी में नींद भर सोया रे।। बुढ़ापे में यार काय रोवे रे।।भजन........।। करो वादा निभाखें ने जाने। समय निकलो तो लगे पछताने।। खड़े हैं जम द्वार का होवे रे।।भजन.........।। टूट गई काया छूट गई माया। कुटम्ब छूटो छूट गई छाया ।। फसी आफत में जान का होवे रे।। भजन............।। लगो जब काल को फेरा रे। होय जंगल में डेरा रे।। काय भूलो अज्ञान काय सोवे रे।। भजन..............।। ©Rahul Kumar Suryvanshi बुंदेली सत्संगी भजन।। मस्त है भाई #hills