तवायफ़ हूँ साहब अपना ज़िस्म बेचती हूँ शान से कहती हूँ,हाँ मैं इक तवायफ़ हूँ लोग तो यहाँ अपना ईमान बेचते हैं रात को हमारी बदनाम गलियों में अपनी कई रातें गुज़ारते हैं और दुनिया की नज़र में सरीफ बने रहते हैं हम तो तवायफ़ हैं साहब...नाम से ही बदनाम हैं #तवायफ़