बहुत दूर तक भी देखूं तो कोई हमनवां नहीं दिखता मैं सबके लिए हूँ तत्पर मेरे लिए कोई नहीं दिखता मैं शायद भूल मैं था जो दिए जलाता रहा रोशनाई मैं भी मुझे कोई सच्चा नहीं दिखता मैं सबके लिए हूँ तत्पर मेरे लिए कोई नहीं दिखता