ए खुदा कैसे सुकून से रह पाता हैं, तू मुझे बेचैन कर, सुना हैं जिसकी कहीं सुनवाई नहीं होती, उसकी तेरे दर पर सुनवाई होती, फिर आंख क्यों मुंद लिया मुझे देखकर, क्यों भेदभाव कर दिया अपना बोलकर। #कैसे