मन में एक पहेली थी, मैं सबके बीच अकेली थी, काश उस वक़्त ही सच जान लिया होता तो जिंदगी से इतनी शिकायत ना होती, अंदर ही अंदर घुटती रही ना जाने कितने दुख झेली थी माँ बाप ने कितना समझाया थापर अंधी थी मैं किसी के प्यार में झोपड़ी पिता की छौड़ दी क्योंकिसामने सपनो की हवेली थी, घर से भाग कर अपने प्यार का हाथ थामा था, जिसको मैने अपनो से ज्यादा माना था पर जब आँख खुली तो पाया कि मेरा जिस्म बेचा गया था , और शिकायत किस से करती जब मुड़के देखा तो सचमुच मैं बिल्कुल अकेली थी । #Main_akeli #LoveMarriage#LoveandDhokha#Breakup#LoveJihaad : Love Zihaad