अभी हमने तो बस शुरुआत की चलने की,ए ज़िन्दगी और एक तू है कि बस इम्तेहान पर इम्तेहान लेती जा रही है॥ बस थोड़ी मोहलत तो दे सम्भलने की, ये रह-गुज़ारी अब हमसे भी नहीं होती।। learning and beginning, both are typical task.