चल मेरे दिल कहीं और चल दूर इस बस्ती से बाहर निकल आज का तो कुछ पता नही किसको पता क्या होगा कल जी लो जी भर के हरेक घड़ी क्या पता क्या हो अगले पल खुश रहो अपनी झोपड़ी में मत बनाओ सपनो के महल सपनो के महल