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धन की तीन गति दान, भोग और नाश - यह धन की तीन गति

धन की तीन गति

दान, भोग और नाश
- यह धन की तीन गति हैं, जिसने नहीं दिया और जो अपने भोग में  न लाया उसके धन की नाश रूप तीसरी गति होती है।
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भृतहरि नीति शतक, ४६  धन का सदुपयोग करें
धन की तीन गति

दान, भोग और नाश
- यह धन की तीन गति हैं, जिसने नहीं दिया और जो अपने भोग में  न लाया उसके धन की नाश रूप तीसरी गति होती है।
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भृतहरि नीति शतक, ४६  धन का सदुपयोग करें

धन का सदुपयोग करें