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मेरे ज़हन में उसके सिवा, इतना कोई मशहूर न था। कि

मेरे ज़हन में उसके सिवा, 
इतना कोई मशहूर न था। 
किसी के लिए मेरे दिल में, 
मुझे यूँ फितूर न था। 
जाने कैसा असर हैं हबीब की चाहतों का 
इश्क़ पर इससे पहले, मुझे यूँ ग़ुरूर न था। 
कज़ा तो उनकी नज़रफ़रोशी ने मयस्सर की है, 
इसमे उस नादान का, 
ज़रा भी कुसूर न था। 
                    -रूद्र प्रताप सिंह
(Plz Refer To Captions For Meaning) कज़ा*: Death 
नज़रफ़रोशी *:Ignorance
मयस्सर*: To grant
मेरे ज़हन में उसके सिवा, 
इतना कोई मशहूर न था। 
किसी के लिए मेरे दिल में, 
मुझे यूँ फितूर न था। 
जाने कैसा असर हैं हबीब की चाहतों का 
इश्क़ पर इससे पहले, मुझे यूँ ग़ुरूर न था। 
कज़ा तो उनकी नज़रफ़रोशी ने मयस्सर की है, 
इसमे उस नादान का, 
ज़रा भी कुसूर न था। 
                    -रूद्र प्रताप सिंह
(Plz Refer To Captions For Meaning) कज़ा*: Death 
नज़रफ़रोशी *:Ignorance
मयस्सर*: To grant

कज़ा*: Death नज़रफ़रोशी *:Ignorance मयस्सर*: To grant