चुन-चुन कर कलियां लाए है, घर आँगन सजाएँ है कमल, गुलाब चम्पा और चमेली सब खुशबू लाए है अवसर है पावन, अवतरण दिवस सखी का आया है खुशी और मस्ती आयी है, सूर्य ने उजाला फैलाया है माँ की लाड़ली, पिता की दुलारी, सखियों की प्यारी मन चंचल, नटखट अदाएं है, मासूम शरारतें प्यारी कामयाबी का द्वार सजाये है, उन्नति को भी लाए है सपनों को मंज़िल से मिलने की 'दुआ' कर आए है उपहार नहीं, "जज़्बात" है, महके तू और परिवार है अवतरण दिवस यह खास हो "माँ' का आशीर्वाद हो Dedicating a #testimonial to Dr.GARGI GUPTA😇 चुन-चुन कर कलियां लाए है, घर आँगन सजाएँ है कमल, गुलाब चम्पा और चमेली सब खुशबू लाए है अवसर है पावन, अवतरण दिवस सखी का आया है खुशी और मस्ती आयी है, सूर्य ने उजाला फैलाया है