प्रिय अनुज जी, आप नही जानते की आप ने मेरी ज़िंदगी कैसे बदली है। आप की एक डायरी जिसमे आप ने अपना पूरा पता लिख था मुझको सड़क के किनारे पड़ी मिली थी, उसमे एक हजार रुपए भी रक्खे थे। मैं उस समय आर्थिक बदहाली से गुज़र रही थी और वो रुपए मेरे लिए खुदा के द्वारा भेजा प्रसाद था। डायरी में एक वाक्य लिखा था की जो आज है कल वो नही होगा, और इसको मैंने खुदा के द्वारा संदेश माना तथा पुऩः जी जान से प्रयास करने लगी। आज आपके ऋण को उतारने का समय है। आप इतवार को एक बजे पिज़्ज़ा हट में लाल कमीज पहन कर आयें। मैं आप को वहीं मिलूँगी। आगे की बात वहीं पर। आभारी नमस्कार लेखकों🌻 नवंबर महीने के लिए हम आपके लिए लेकर हैं #RZSitWriMo जिसमें आपको हम परिस्थितियाँ देंगे जिसके आधार पर आप आगे की कहानी को मोड़ देंगे। आज के #rzsitwrimoH7 में अपने लेखन द्वारा दिए गए प्रॉम्प्ट को पूरा करें। सबसे बेहतरीन लेखन को सराहा जायेगा।