ज़िंदगी का गीत जिन्दगी रोज गीत गुनगुनाती है । जिंदगी में रोज नई सुबह आती है । लोग दिन में सोकर रातभर जागते है । क्या ईश्वर ने इसलिए जिंदगी बनाई है । हे! इंसान तुझे जिंदगी में प्रकाश मिला है। भाई जिंदगी में प्रकाश का लुफ्त उठाइये । सुबह हो गई है मामू उठिये और मुस्कुराइये । अपनी संघर्षमय जिंदगी को सरलतम बनाइये । शुभम जैन"सिध्द"