"मेरी फितरत का किस्सा बिल्कुल ही अलग है। किसी भी मोहरे का स्तेमाल करता हूँ । मात तय है। लेफ्ट राइट, अप डाउन, देखता हूँ गौर से, पर जो शतरंज का घना जाल बुना है, मेरे लिए उसका कंही न कंही भय है।" DRP. मेरी फितरत का.....