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भोर का पंछी टूटे हैं सपने, टूटा हूं मैं। अब ना जान

भोर का पंछी टूटे हैं सपने, टूटा हूं मैं।
अब ना जाने खुद से, कितना रूठा हूं मैं।
रोज खुदसे लड़ता जा रहा हूं ,
अपने सवालों के जवाब ढूंढने में बस फसता जा रहा हूं।
हर सुबह मेरी खुद से एक नई जंग होती है ,
रख पाऊं खुद को खुश पूरा दिन ,
बस यही एक उमंग होती है

©A J #Panchi
भोर का पंछी टूटे हैं सपने, टूटा हूं मैं।
अब ना जाने खुद से, कितना रूठा हूं मैं।
रोज खुदसे लड़ता जा रहा हूं ,
अपने सवालों के जवाब ढूंढने में बस फसता जा रहा हूं।
हर सुबह मेरी खुद से एक नई जंग होती है ,
रख पाऊं खुद को खुश पूरा दिन ,
बस यही एक उमंग होती है

©A J #Panchi
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Ajay Tiwari

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