कविता .... कविताएं लिखी नहीं जातीं कविता तो अंतस में अनायास उपजी भावनाओं को शब्दों में पिरोने और उसे हार का स्वरूप प्रदान करने या फिर ; भावनाओं को मूर्तरूप प्रदान करने की एक सुन्दर कला है जो पाठक को किसी कवि या रचनाकार के मन में एक विशिष्ट काल में उपजी भावनाओं से आत्मसात् कराती है ठीक उसी भांति जैसे एक मूर्तिकार एक मूर्ति गढ़ता है और उसे जीवंतता प्रदान करता है पर न जाने क्यूं कुछ लोग कवि और उसकी कविता का उपहास करते हैं पर खेद है , कि अपनी दृष्टि में वे कविता को अत्यंत ही सहज समझकर अपनी अधूरे ज्ञान या अज्ञानता का परिचय देते हैं ! राजीव भारती ©Rajiv Ranjan Verma #कविता # राजीव भारती #Bicycle