Nojoto: Largest Storytelling Platform

कितनी बार मिलती हैं तुमको वो नायिका जो कंधे पर पर

कितनी बार मिलती हैं तुमको
वो नायिका 
जो कंधे पर पर्वत भी उठा सकती हैं
और संजीवनी भी ढूँढ सकती हैं
बिना संकोच किए
बिना संयम खोए

कितनी बार मिलती हैं 
तुमको वो नायिका
जो रात को जुगनू बन जाती है
और दिन को छावं

कितनी बार
वो जो 
फ़क्र से सर सूरज से भी ऊपर उठा सकती हैं
और अपनी कर्मठता से सागर की गहराई पाट सकती हैं 

वो नायिका
जो सृष्टि है
सृजन है
और सीसा भी है

@ आरती ।।।

©Mo k sh K an #sisters_at_arms 
#sisters@arms
#they_are_soldiers 
#mokshkan
कितनी बार मिलती हैं तुमको
वो नायिका 
जो कंधे पर पर्वत भी उठा सकती हैं
और संजीवनी भी ढूँढ सकती हैं
बिना संकोच किए
बिना संयम खोए

कितनी बार मिलती हैं 
तुमको वो नायिका
जो रात को जुगनू बन जाती है
और दिन को छावं

कितनी बार
वो जो 
फ़क्र से सर सूरज से भी ऊपर उठा सकती हैं
और अपनी कर्मठता से सागर की गहराई पाट सकती हैं 

वो नायिका
जो सृष्टि है
सृजन है
और सीसा भी है

@ आरती ।।।

©Mo k sh K an #sisters_at_arms 
#sisters@arms
#they_are_soldiers 
#mokshkan
shonaspeaks4607

Mo k sh K an

New Creator