हे ईश्वर....
नकारें भी तो नकारें कैसे, तुझे हम आखिर।
जो हर दिन हमारे, दया के मोहताज तुम्हारे।।
होंगे झूठे ढोंग भरे ये धर्म सभी,
और होंगी झूठी सारी किताबें तुम्हारे गुणगानों की।
मगर हम अपनी इस जान को क्या बतलाएं, #God#Reality#Earthquake#world#कविता#relegion#hryadav#hem_humnava