श्याम कहाँ में जाऊ अब,अखियन में ये आस छुपाकर प्रीत को तेरी हृदय समा, और दर्शन की ये प्यास दबाकर ये जग सारा धुन्ध बना है, चले पवन जो उड़ जाए मोह-मदादिक फसी रूह,तेरी चाह मिले सब मिट जाए रेत बनी ये महल अटारी,पल भर ठहर फिसल जाए पैसो के यहाँ खेल है सब, दास तेरे कहाँ जाए बस दिल मे तुम बसे हो मोहन,ये दिल कहाँ ले जाये उठाकर #NojotoQuote मोहन