Nojoto: Largest Storytelling Platform

जब तू साथ थी तो तुझसे फुर्सत न मिलती थी,, तेरे अहस

जब तू साथ थी तो तुझसे फुर्सत न मिलती थी,,
तेरे अहसास की गहराई कुछ कहने न देती थी,,
कलम तो पहले भी उठाई थी कुछ लिखने के लिए मेने,,
मगर,, तेरा दीदार ही ऐसा था जो कुछ लिखने न देता था,,
अब सोचते है क्या लिखे वो पास नही है,,
पुरानी याद में डूबे तो कुछ पल याद आये है,,
उन यादो को समेटा,, ओर कुछ शब्दो मे पिरोया,,,
जब गोर से देखा तो शायरी बन के आये है,, दीवाना तेरा
जब तू साथ थी तो तुझसे फुर्सत न मिलती थी,,
तेरे अहसास की गहराई कुछ कहने न देती थी,,
कलम तो पहले भी उठाई थी कुछ लिखने के लिए मेने,,
मगर,, तेरा दीदार ही ऐसा था जो कुछ लिखने न देता था,,
अब सोचते है क्या लिखे वो पास नही है,,
पुरानी याद में डूबे तो कुछ पल याद आये है,,
उन यादो को समेटा,, ओर कुछ शब्दो मे पिरोया,,,
जब गोर से देखा तो शायरी बन के आये है,, दीवाना तेरा
mohitsharma4402

Mohit Sharma

New Creator

दीवाना तेरा