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दिल तो मुद्दत से उस पर मरता था कब से उसका ही दीवान

दिल तो मुद्दत से उस पर मरता था कब से उसका ही दीवाना रे
तेरी कलाई को छूना मेरे लिए महज एक अफ़साना रे। 

अफ़साना- कहानी,हिम्मत सिंह writing# thinking # Punjabi poetry Hindi poetry# Urdu poetry#
दिल तो मुद्दत से उस पर मरता था कब से उसका ही दीवाना रे
तेरी कलाई को छूना मेरे लिए महज एक अफ़साना रे। 
                     अफ़साना- कहानी,हिम्मत सिंह
दिल तो मुद्दत से उस पर मरता था कब से उसका ही दीवाना रे
तेरी कलाई को छूना मेरे लिए महज एक अफ़साना रे। 

अफ़साना- कहानी,हिम्मत सिंह writing# thinking # Punjabi poetry Hindi poetry# Urdu poetry#
दिल तो मुद्दत से उस पर मरता था कब से उसका ही दीवाना रे
तेरी कलाई को छूना मेरे लिए महज एक अफ़साना रे। 
                     अफ़साना- कहानी,हिम्मत सिंह
himmatsingh7299

Himmat Singh

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