चाहकर भी ना छोड़ पाए वो नशा बना जा तू, उसकी जान नहीं तो उसकी हमनवा बन जा तू,तना नहीं तो पत्ति ही बन जा तू,पर उसका कोई ना कोई अंग बना जा तू, मत सोच ए मुसाफिर इस्क के तू ये की वो तुझे छोड़ देगा , चाहा कर भी ना छोड़ पाए गए तुझे क्यों की उस भी पता है कि बिना पति के ना जी पाए गा कोई तना by writer of soul tell me about it