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सिसकतीं ज़िंदगी ग़र हैं तो फिर एक आह निकलेगी** बेब

सिसकतीं ज़िंदगी ग़र हैं तो फिर एक आह निकलेगी** बेबसी आज हैं दिल में तो कल कोई राह निकलेगी **इसी उम्मीद पर कायम सफ़र अब ज़िंदगी का हैं** खुदा पर छोड़ दिया सब कुछ कभी तो राह निकलेगी***

©Savitri  Parveen Kumar #sadquotes
सिसकतीं ज़िंदगी ग़र हैं तो फिर एक आह निकलेगी** बेबसी आज हैं दिल में तो कल कोई राह निकलेगी **इसी उम्मीद पर कायम सफ़र अब ज़िंदगी का हैं** खुदा पर छोड़ दिया सब कुछ कभी तो राह निकलेगी***

©Savitri  Parveen Kumar #sadquotes