सिसकतीं ज़िंदगी ग़र हैं तो फिर एक आह निकलेगी** बेबसी आज हैं दिल में तो कल कोई राह निकलेगी **इसी उम्मीद पर कायम सफ़र अब ज़िंदगी का हैं** खुदा पर छोड़ दिया सब कुछ कभी तो राह निकलेगी*** ©Savitri Parveen Kumar #sadquotes