थोडा थक गया हूँ , दूर निकलना छोड़ दिया है। पर ऐसा नहीं है कि , *मैंने चलना छोड़ दिया है ।। हाँ . . . ज़रा अकेला हूँ , , , दुनिया की भीड़ में। . . . पर ऐसा नही कि *मैंने अपनापन छोड़ दिया है ।। याद करता हूँ अपनों की , परवाह भी है मन में। बस , कितना करता हूँ ये बताना छोड़ दिया।। ✍mere alfaaz Prashant..... #aawazruh ki