वो दिल्लगी यारों की किस्सा इन गलियारों का बन गई हम जो लौट आए फिर यहाँ यादों की महफ़िल जम गई •☆• जीएटीसी कोलाॅबज़ ४ •☆• 《फ़िनाले: हिंदी२》 ▪नियम: कोई नहीं। 😊 ▪गैर पंजीकृत एवं निष्काषित प्रतियोगी भी भाग ले सकते हैं। ▪ 👉🏼आप पृष्ठभूमि स्वयं से इस्तेमाल कर सकते हैं, केवल मेरी दी हुई पंक्तियों को अपनी पृष्ठभूमि पर, मेरे नाम के साथ काॅपी कर लें।