जब से हुआ है...... ये दिल मेरा क्या कह रहा, तू सुन ले ज़रा इसकी सदा। दिवाना हुआ इस क़दर तेरा, देखा जो ये तेरी अदा। नहीं कुछ तुम्हें है खबर, नहीं कुछ हमें है पता। क्यों रो रहा है दिल मेरा, जब से हुआ है तुमसे जुदा....... तू रहे या न रहे पास मेरे, फिर भी तू शामिल है मेरे हरपल में। तू ही तो है शायरी मेरी, तू ही है मेरी ग़ज़ल में। तुम भी कहीं हो गुम, हम भी कहीं हैं गुमशुदा, क्यों रो रहा है दिल मेरा, जब से हुआ है तुमसे जुदा..... मेरा पल तो वहीं पर है ठहरा हुआ, जो आई थी तू बनकर दुआ। वो लम्हा मेरा आगे न बढ़ा, दिल भी वहीं पे है ठहरा हुआ। नहीं कुछ तुम्हे है फिकर, नहीं कोई मेरी खता। क्यों रो रहा है दिल मेरा, जबसे हुआ है तुमसे जुदा.... ©Aarzoo smriti क्यों रो रहा है.....