वो नारी जिसकी शक्ति से अंजान है कमजोर समझता जिसे सारा जहान है संहार और संसार जिसकी भुजाओ में समाए है त्रिसूल और कमल इसकी परिभाषा समझाए है शक्ति ही कृपाल है शक्ति ही कटाक्ष है । भूल जिस शक्ति को लाचार वो बनाए है , अपमान से बुलाए है देख शक्ति , आज शक्ति की उसे फूल चढ़ाएं है । आस्था के दीप आज वो जलाए है नौ दिवस शक्ति को शीश वो झुकाए है । ©shristi Mishra #शक्ति #नारी #Women #navratri #jaimatadi #माँ #शक्ति #navratri2020