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रूठना, नाराज़ होना हक है आपका पर; मनाना भी हक है ह

रूठना, नाराज़ होना हक है आपका पर;
मनाना भी हक है हमारा ।

जानलो साहिबा की आपका ये रूठना 
आपसे ज़्यादा हमे तकलीफ देता है ।

जान हो आप हमारी
अगर जान ही रूठ जाए 
तो हम में सांस कहा बाकी रहेगी ।

साहिबा रुठलो, थोड़ा नाराज़ हो जाओ
पर थोड़ी देर तक,
पर ये सोचना जरूर कोई इस नाराज़गी को भी
आपका प्यार समझता है । #thelove
रूठना, नाराज़ होना हक है आपका पर;
मनाना भी हक है हमारा ।

जानलो साहिबा की आपका ये रूठना 
आपसे ज़्यादा हमे तकलीफ देता है ।

जान हो आप हमारी
अगर जान ही रूठ जाए 
तो हम में सांस कहा बाकी रहेगी ।

साहिबा रुठलो, थोड़ा नाराज़ हो जाओ
पर थोड़ी देर तक,
पर ये सोचना जरूर कोई इस नाराज़गी को भी
आपका प्यार समझता है । #thelove