ये इश्क़ का घड़ा है, क़तरा-क़तरा ही सही, इसे भरने तो दो दूरियों की धीमी आँच में इस इश्क़ को ज़रा पकने तो दो दिल की डाली पर शबनम की तरह महफ़ूज़ रक्खा है हमने अभी पहले इस यौवन को खुद के पैरों पर तुम संभलने तो दो #YQDidi #yqhindiurdu #इश्क़ #शेर #AlokJiWrites